डॉक्टरों के लिए कार्यक्रम

130 करोड़ की आबादी वाले भारत में केवल 8,000 मानसिक रोग चिकित्सक हैं। अतिरिक्त प्रशिक्षित संसाधनों के माध्यम से इस गहन जरूरत को संबोधित किया जा सकता है। प्राथमिक देखभाल करने वाले चिकित्सक मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी आम समस्याओं की पहचान, निदान और चिकित्सा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

कार्यक्रम के बारे में

5 महीने के सर्टिफिकेट कोर्स के माध्यम से यह कार्यक्रम सामान्य मानसिक विकारों की पहचान, प्रबंधन और उपचार संबंधित प्राथमिक चिकित्सकों के ज्ञान, कौशल और मुख्य क्षमताओं को बढ़ाता है।


इस कार्यक्रम से साक्ष्य-आधारित शिक्षा के मॉड्यूल और मानक शिक्षण प्रोटोकॉल को विकसित और अपडेट करने में मदद मिलती है। साथ ही प्राथमिक चिकित्सकों और विशेषज्ञों के एक राष्ट्रव्यापी नेटवर्क का निर्माण करने और उन्हें मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में आधुनिक विकास के बारे में लगातार अपडेट करने में यह मदद करता है।

  • डिलीवरी का माध्यम
    ऑनलाइन
  • वितरण की भाषा
    अंग्रेजी
  • शहर
    दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर और कोलकाता

2016 में लॉन्च होने के बाद से

  • प्रशिक्षित चिकित्सक
    2383
    देश भर में

प्रशंसा पत्र

भारत में ट्रीटमेंट गैप (बीमारी और उपचार में अंतर) 70% से अधिक है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार 2020 तक लगभग 20% आबादी मानसिक बीमारियों से पीड़ित होगी। इन चुनौतियों को संबोधित करने के लिए स्वास्थ्य व्यवस्था से जुड़े पेशेवरों / हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स को तथ्यों पर आधारित तकनीकों के माध्यम से एवं चिकित्सा क्षेत्र की नई प्रगति के बारे में प्रशिक्षित करना पीएचएफआई की प्रतिबद्धता है। समुदाय का कोई भी सदस्य चिकित्सा के लिए सबसे पहले प्राथमिक चिकित्सक से संपर्क करता है। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि उन्हें सामान्य मानसिक विकारों के प्रबंधन में प्रशिक्षित किया जाए। यह कोर्स प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं में मानसिक स्वास्थ्य को शामिल करने और समस्त  सेवाओं को रोगी केंद्रित और सुविधाजनक बनाने का एक प्रयास है।

डॉ. संदीप भल्ला - प्रशिक्षण के प्रमुख, पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया

मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिक देखभाल का हिस्सा होना चाहिए। दुनिया भर में  मानसिक बीमारी वाले व्यक्तियों की उपेक्षा में इससे जुड़े सामाजिक कलंक का बड़ा योगदान है। लोग अभी भी यह मानते हैं कि मानसिक बीमारी कुल आबादी के एक बहुत छोटे से हिस्से को प्रभावित कर सकती है। वैश्विक स्तर पर  मानसिक, न्यूरोलॉजिकल एवं नशीले पदार्थों के विकार से पीड़ित कुल लोगों में से 15 प्रतिशत लोग भारतीय हैं। इसके अलावा, मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों की यहां कमी है। इसे देखते हुए, एएचपीआई प्राथमिक देखभाल करने वाले चिकित्सकों को सामान्य मानसिक विकारों में प्रशिक्षित करने के लिए टी एल एल एल एफ और  पीएचएफआई के साथ मिलकर काम करता है। यह पीड़ितों की इस बढ़ती तादाद से निपटने और बीमारी की सही पहचान कर समय पर उनका इलाज करने की दिशा में एक कदम है।

डॉ. अलेक्जेंडर थॉमस, अध्यक्ष, एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स

“आम मानसिक बीमारियों के बारे में मुझे पर्याप्त जानकारी नहीं थी, मगर इस ट्रैनिंग को समझने के बाद मुझे इनकी चिकित्सा करने का आत्मविश्वास मिला है। मैं एक वरिष्ठ कंसल्टेंट चिकित्सक हूँ और मेरे पास आम मानसिक बीमारियों से पीड़ित लोग अक्सर आते हैं जिनका इलाज अब मैं अधिक सक्षमता से कर सकता हूँ।”

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