कार्यक्रम के बारे में
इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत में प्राथमिक स्वास्थ्य चिकित्सकों की क्षमता को बढ़ाना था और इसके दो मॉडल थे: सतत चिकित्सा शिक्षा (कंटिन्यूइंग मेडिकल एजुकेशन) (सीएमई) सत्र और सामान्य मानसिक विकारों (कॉमन मेंटल डिसॉर्डर्स) में सर्टिफिकेट कोर्स।
कंटिन्यूइंग मेडिकल एजुकेशन मॉडेल
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और इंडियन साइकियाट्रिक सोसाइटी के साथ साझेदारी में विकसित किए गये इस मॉडेल का उद्देश्य था भाग लेने वाले चिकित्सकों को पर्याप्त जानकारी प्रदान करना और उन्हें प्रभावी और संवेदनशील तरीके से मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं वाले रोगियों का इलाज करने में सक्षम बनाना।
मनोरोग विशेषज्ञों (साइकियाट्रिस्टों) ने प्रैक्टिस कर रहे सामान्य चिकित्सकों (जनरल फिज़िशन्स) और मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं (स्टूडेंट्स) के लिए सत्रों का संचालन किया और हल्के से मध्यम दर्जे के मानसिक विकार के मामलों की पहचान और चिकित्सा प्रणाली में प्रशिक्षित किया।
सर्टिफिकेट कोर्स मॉडेल
यह सर्टिफिकेट कोर्स ऑनलाइन था और इसकी अवधि पाँच महीनों थी। इससे प्राथमिक स्वास्थ्य चिकित्सकों को सामान्य मानसिक विकारों की पहचान, प्रबंधन और इलाज के बारे में अपने ज्ञान, कौशल और विशेषताओं का विस्तार करने में मदद मिली। इसमें मानसिक स्वास्थ्य और नशीली दवाओं के दुरुपयोग पर उच्च स्तर के ट्रैनिंग मॉडयूल भी शामिल थे।
ये दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर और कोलकाता के प्रतिभागियों के लिए उपलब्ध थे।
इस कार्यक्रम से साक्ष्यों पर आधारित मानक शिक्षण प्रोटोकॉल और मॉड्यूल्स के विकास और आधुनिकरण, प्राथमिक स्वास्थ्य चिकित्सकों और विशेषज्ञों का एक राष्ट्रव्यापी नेटवर्क बनाने और मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में नवीनतम प्रगति के बारे उन्हें लगातार जानकारी देने में भी मदद मिली।