तनाव

तनाव किसी ऐसे बदलाव के प्रति शरीर की प्रतिक्रिया है जिसमें समायोजन या अनुक्रिया की आवश्यकता पड़ती है। शरीर इन बदलावों के प्रति शारीरिक, मानसिक एवं भावनात्मक प्रतिक्रिया दे सकता है। “तनाव” शब्द का उपयोग ज़्यादातर नकारात्मक रूप से किया जाता है, मगर तनाव हमेशा बुरा नहीं होता है और यह जीवन का एक स्वाभाविक हिस्सा है। कभी-कभी तनाव सकारात्मक भी हो सकता है और यह हमें उत्पादक और सृजनशील बनाता है, चुनौतिओं का सामना करने के लिए तैयार रखता है और हमें प्रेरित और एकाग्रचित्त बनाए रखता है।


मगर बहुत ज़्यादा तनाव या लंबे समय तक चलने वाले तनाव का असर हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ सकता है। इसके साथ कई और लक्षण या बीमारियाँ आ सकती है या बढ़ सकती हैं।

तनाव कब चिंता का विषय बन जाता है? जब यह नियंत्रण के बाहर हो जाता है और आपके स्वास्थ्य, आपकी उत्पादकता, आपके रिश्तों एवं आपके जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करने लगता है।

तनाव के संकेत एवं लक्षण

संज्ञानात्मक / ज्ञान संबंधी / कॉग्निटिव
  • याद्दाशत से जुड़ी समस्याएँ 
  • एकाग्रता की कमी
  • निर्णय लेने में समस्या
  • नकारात्मक दृष्टिकोण
  • उत्तेजित या भागते हुए विचार
  • हमेशा चिंतित रहना 
भावनात्मक
  • मिज़ाजी बने रहना
  • चिड़चिड़ापन या तुनक मिज़ाज
  • उत्तेजित रहना, आराम ना कर पाना 
  • व्याकुलता का एहसास
  • अकेलापन और विच्छिन्न महसूस करना
  • अवसाद या आम तौर पर नाखुश रहना
शारीरिक
  • शरीर में दर्द या पीड़ा
  • दस्त या कब्ज
  • जी मिचलाना, चक्कर आना 
  • सीने में दर्द, दिल की धड़कन तेज़ हो जाना
  • यौन इच्छा कम हो जाना
  • बार-बार सर्दी-जुकाम होना
व्यवहरात्मक
  • ज़्यादा या कम खाना
  • बहुत ज़्यादा या बहुत कम सोना 
  • खुद को दूसरों से अलग कर लेना
  • जिम्मेदारियों को नजरंदाज करना
  • शराब, सिगरेट या ड्रग्स का सेवन करना शांत महसूस करने के लिए
  • घबराहट से जुड़ी आदतें (जैसी कि नाखून काटना, चहलकदमी करना)

तनाव क्यों होता है?

व्यक्ति किसी भी ऐसी स्थिति में तनाव का अनुभव कर सकता है जो जोखिमपूर्ण, चुनौतीपूर्ण या मुश्किलों से भरा लगे। एक ऐसी व्यस्त जीवनशैली जिसमें एकाधिक ज़िम्मेदारियाँ, आकांक्षाएँ, मुकाबला होने के साथ-साथ पौष्टिक आहार और नींद की कमी, चैन की कमी, अपरियाप्त व्यायाम, स्मार्ट फोन का बढ़ता प्रयोग, और घर पर आबद्ध रहने जैसे कारणों से तनाव का खतरा बढ़ता है। 

आप अपनी मदद कैसे कर सकते हैं?

अगर आप इस बारे में जागरूक हों कि आपको तनाव है तो अगला कदम होगा यह जानना कि इसे नियंत्रित किया जा सकता है। अपनी देखभाल के तरीकों को अपनाना एक प्रभावी शुरुआत हो सकती है। कुछ विशेष गतिविधियों को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से तनाव को नियंत्रित करने की कला आपकी जीवनशैली का हिस्सा बन सकती है।

आपको शांत कर सके ऐसी किसी गतिविधि से जुड़े

खुद को शांत करने के लिए प्राणायाम का अभ्यास करें, अपने पसंदीदा गाने सुने या किसी शौक के लिए समय निकालें।

योग एवं ध्यान लगाना

नियमित रूप से योग और ध्यान करने से तनाव कम होता है।

नियमित रूप से व्यायाम करें

नियमित रूप से सिर्फ 30 मिनिट चलने से आपकी सेहत को फायदा हो सकता है।

अपनी भावनाओं को लिखकर व्यक्त करें

इससे आप हर पहलू पर गौर कर पाएंगे और यह समझ पाएंगे कि आपके तनाव के पीछे क्या कारण हैं।

कार्यों को संयोजित करें और प्राथमिकता के अनुसार सजाएँ

हर दिन करने वाले कार्यों की एक सूची बनाने से यह साफ पता चल जाता है कि कौन से काम करने है और किस काम को प्राथमिकता देनी है। साथ ही समझ आ जाता है कि कौन-सा काम जरूरी नहीं है। योजना बनाने से आप जरूरी कार्यों की पहचान करके अपने समय का भी सदुपयोग कर पाएंगे और यह जान पाएंगे की उन्हें कितनी जल्दी करना है।

संतुलित आहार करें

अध्ययनों से पता चला है कि ताज़े फल और सब्ज़ियों से प्राप्त विटामिन और मिनरल तनाव को कम करने में मदद करते हैं। दूसरी तरफ, अगर आपके आहार में संसाधित और आसानी से बन जाने वाला खाना, रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट और चीनी युक्त नाश्ता बहुत ज्यादा हो, तो इससे तनाव के लक्षण बिगड़ सकते हैं।

किसी से बात करें

ऐसे लोगों से बात करें जिनपर आपको भरोसा हो और जिनके साथ आप खुलकर बात कर सकते हैं। उन्हीं लोगों से आपको भावनात्मक समर्थन और वास्तविक मदद मिलेगी।

आप किसी दूसरे व्यक्ति की मदद कैसे कर सकते हैं?

आपने ध्यान दिया होगा कि आपका कोई दोस्त या परिवार का सदस्य तनावग्रस्त है और इस स्थिति से जूझने में असमर्थ है। इस स्थिति में मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर की मदद लेने पर ज़ोर देने के साथ-साथ आप वास्तविक रूप से उनकी कई तरह से मदद कर सकते हैं।

सुनें

जब कोई तनाव में हो तो उसे अपना समय देना और उसकी बातों को मन लगाकर सुनना उसकी मदद करने का एक बेहतरीन उपाय है।

गतिविधियों में मिलकर शामिल हों

किसी शौक को पूरा करना, ट्रेक पर या टहलने जाना, गाने सुनना या कसरत करना ऐसी गतिविधियां हैं जो आप उनके साथ मिलकर कर सकते हैं।

शारीरिक हाव-भाव का प्रयोग करें

मुसकुराना, हाथ पकड़ना, बाहों में लेना, अपना कंधा देना ऐसे संकेत हैं जिनसे तनाव से जूझ रहे व्यक्ति को सुकून मिलता है।

खबर लेते रहें

संपर्क बनाए रखने से और बीच-बीच में उनकी खबर लेते रहने से वे आश्वस्त और समर्थित महसूस करेंगे।

लक्षणों की पहचान करने में उनकी मदद करें

अक्सर लोग तनाव के कई लक्षणों की पहचान खुद नहीं कर पाते हैं (जैसे कि खाने या सोने की आदतों में परिवर्तन, या एकाग्रता की समस्या)। कभी-कभी उनसे पहले आप ऐसे लक्षणों की पहचान कर सकते हैं।

मदद की खोज करने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करें

अगर आपको लग रहा है कि वे तनाव से सही ढंग से नहीं निपट पा रहे हैं तो मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर से मदद लेने पर ज़ोर दें। यह भी बताएँ कि आप उनके साथ चल सकते हैं।

ज़्यादातर पूछे जाने वाले सवाल

उन स्थितियों के बारे में अधिक जानें जो तनाव के साथ सह सकती हैं और हो सकती हैं।

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