अवसाद

अवसाद केवल उदासी या विषाद की भावना नहीं है। यह मानसिक स्वास्थ्य की एक वास्तविक समस्या है जिसके उभरकर सामने आने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। उदासी की भावना ज़्यादा दिन नहीं चलती है मगर अवसाद कम से कम दो हफ्ते या उससे अधिक समय तक बना रहता है। अवसाद के लंबे समय तक बने रहने से यह एक गंभीर समस्या का रूप ले सकता है और व्यक्ति के जीवन के कई पहलुओं को प्रभावित कर सकता है, जिनमें कार्य और रिश्ते शामिल हैं।

अवसाद के संकेत और लक्षण

भावनात्मक लक्षण
  • उदास या निराश महसूस करना
  • चिंता या खालीपन के एहसास का लगातार बने रहना
  • अपराध बोध, व्यर्थता एवं/ या असहायता की भावना
  • एकाग्रता से जुड़ी समस्याएं
  • विवरण याद करने में दिक्कत
  • निर्णय ले पाने में दिक्कत 
  • अपनी पसंदीदा कामों में दिलचस्पी खो देना
  • बेचैनी, उत्तेजना, चिड़चिड़ापन
  • आत्महत्या का ख्याल
शारीरिक लक्षण
  • थकान और ऊर्जा की कमी
  • अनिद्रा या बहुत ज़्यादा सोना
  • किसी अंग में दर्द या पीड़ा जो लगातार बना रहता है, सिर दर्द, मरोड़े या पाचन क्रिया की समस्या
  • ज़रूरत से ज़्यादा खाना/वज़न बढ़ना और भूख में कमी/वज़न घटना

अवसाद के कारण

जैविक

मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में परिवर्तनों और सेरोटोनिन, नोरएपिनेफ्रीन एवं डोपामाइन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर के बदलावों को अवसाद से जोड़ा गया है।

शराब और मादक वस्तुओं का सेवन

शराब का अत्यधिक सेवन या मादक द्रव्यों का सेवन अवसाद के शुरू होने या बढ़ने का कारण हो सकते हैं।

लिंग-संबंधी

पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अवसाद होने की संभावना दुगनी होती है एवं अवसाद से जुड़े विकारों के प्रति भेद्यता ऋतुस्रव के समय के आसपास, गर्भावस्था के दौरान, प्रसव के बाद और रजोनिवृत्ति से पहले बढ़ जाती है।

रोगों की प्रतिकूलता

अगर किसी व्यक्ति को कोई दीर्घकालिक या जीवनघाती बीमारी (जैसे दिल की बीमारी या कैंसर), निद्रा विकार, थाइरॉइड की समस्या या हॉर्मोनल विकार हो तो उनके अवसाद के लक्षणों को अनुभव करने की संभावना बढ़ जाती है।

सामाजिक

कई तरह की घटनाओं, परिस्थितियों या हादसों से अवसाद पनप सकता है। कुछ साधारण उदाहरण हैं किसी प्रियजन की मौत, किसी करीबी की बीमारी, बचपन में शोषण या अवहेलना, डिवोर्स या शादीशुदा ज़िंदगी में समस्याएँ, नौकरी खो देना, वित्तीय समस्याएँ, किसी दूसरे शहर में स्थानांतरण, सामाजिक अलगाव, भेदभाव। यह जरूरी नहीं कि हमेशा नकारात्मक अनुभव ही मानसिक पीड़ा का कारण हों। विवाह या बच्चे के जन्म जैसी सुखद घटनाएँ भी अवसाद के प्रकरण का कारण हो सकती हैं।

आनुवंशिक

आनुवंशिक कारक अवसाद के प्रति व्यक्ति की भेद्यता में भूमिका तो निभाते हैं मगर ये एक मात्रा कारण नहीं होते हैं। अवसाद को आनुवंशिक एवं दूसरे कारक मिलकर प्रभावित करते हैं।

आप अपनी मदद कैसे कर सकते हैं?

  • जितनी जल्दी हो सके विशेषज्ञ की मदद लें।
  • अपने मिज़ाज की उन्नति के लिए नियमित रूप से व्यायाम करें या पसंदीदा गतिविधियों में शामिल हों।
  • बड़े कार्यों को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटकर अपने लिए वास्तविक लक्ष्य निर्धारित करें।
  • दूसरों से खुद को दूर न करें और किसी विश्वसनीय मित्र या परिवार के सदस्य के साथ समय बिताएँ।
  • विश्वसनीय सूत्रों से जानकारी लेकर बीमारी के बारे में अपनी जागरूकता बढ़ाएँ।
  • इस बात का ध्यान रखें कि आपके मिज़ाज में तुरंत नहीं, बल्कि धीरे-धीरे सुधार होगा।

आप दूसरे किसी की मदद कैसे कर सकते हैं?

  • उन्हें आपके भावनात्मक समर्थन, समझदारी, धैर्य और प्रोत्साहन की जरूरत है।
  • बिना किसी भेदभाव के उनकी बात सुनें।
  • किसी व्यक्ति की भावनाओं को खारिज ना करें, ना ही वह जिन हालातों से गुज़र रहा है उसे हल्के में लें।
  • अगर वह अपने को चोट पहुँचाने या आत्महत्या की बात करते है तो तुरंत किसी मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से संपर्क करें।
  • यह सुनिश्चित करें कि व्यक्ति को अकेला नहीं छोड़ा जा रहा है।
  • मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर से मदद लेने पर ज़ोर दें। उन्हें याद दिलाएँ कि समय और विशेषज्ञ की मदद से अवसाद से उबरना संभव है।

ज़्यादातर पूछे जाने वाले सवाल

उन स्थितियों के बारे में अधिक जानें जो अवसाद के साथ सह सकती हैं और हो सकती हैं।

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