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#आप अकेले नहीं हैं
मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में परिवर्तनों और सेरोटोनिन, नोरएपिनेफ्रीन एवं डोपामाइन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर के बदलावों को अवसाद से जोड़ा गया है।
शराब का अत्यधिक सेवन या मादक द्रव्यों का सेवन अवसाद के शुरू होने या बढ़ने का कारण हो सकते हैं।
पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अवसाद होने की संभावना दुगनी होती है एवं अवसाद से जुड़े विकारों के प्रति भेद्यता ऋतुस्रव के समय के आसपास, गर्भावस्था के दौरान, प्रसव के बाद और रजोनिवृत्ति से पहले बढ़ जाती है।
अगर किसी व्यक्ति को कोई दीर्घकालिक या जीवनघाती बीमारी (जैसे दिल की बीमारी या कैंसर), निद्रा विकार, थाइरॉइड की समस्या या हॉर्मोनल विकार हो तो उनके अवसाद के लक्षणों को अनुभव करने की संभावना बढ़ जाती है।
कई तरह की घटनाओं, परिस्थितियों या हादसों से अवसाद पनप सकता है। कुछ साधारण उदाहरण हैं किसी प्रियजन की मौत, किसी करीबी की बीमारी, बचपन में शोषण या अवहेलना, डिवोर्स या शादीशुदा ज़िंदगी में समस्याएँ, नौकरी खो देना, वित्तीय समस्याएँ, किसी दूसरे शहर में स्थानांतरण, सामाजिक अलगाव, भेदभाव। यह जरूरी नहीं कि हमेशा नकारात्मक अनुभव ही मानसिक पीड़ा का कारण हों। विवाह या बच्चे के जन्म जैसी सुखद घटनाएँ भी अवसाद के प्रकरण का कारण हो सकती हैं।
आनुवंशिक कारक अवसाद के प्रति व्यक्ति की भेद्यता में भूमिका तो निभाते हैं मगर ये एक मात्रा कारण नहीं होते हैं। अवसाद को आनुवंशिक एवं दूसरे कारक मिलकर प्रभावित करते हैं।
हाँ, अवसाद एक गंभीर बीमारी है, मगर इसका इलाज संभव है। सही इलाज और समर्थन के माध्यम से अवसाद से ग्रसित लोग इस बीमारी से उबर सकते हैं।
मेजर डिप्रेसीव एपिसोड या अवसाद के एक गंभीर प्रकरण के विशिष्ट लक्षण होते हैं जो कुछ महीनों तक बने रह सकते हैं। अगर इनका इलाज नहीं किया गया तो अवसाद महीनों से लेकर कुछ मामलों में सालों तक बना रह सकता है।
अवसाद एक गंभीर मानसिक बीमारी है और इसके अपने आप ठीक होने की संभावना बहुत कम है। अगर इसका इलाज न किया जाए तो यह बीमारी महीनों या सालों तक चल सकती है और एक चिरकालिक रोग का आकार ले सकती है। अवसाद से ग्रसित व्यक्ति को ऐसा लग सकता है कि कुछ दिन वह इससे जूझ पा रहा है और अन्य दिन ऐसा करना बेहद मुश्किल लगे, मगर जल्द से जल्द इलाज के लिए विशेषज्ञ से संपर्क करना जरूरी है।
अवसाद के एक प्रकरण के बाद व्यक्ति के साथ ऐसा दोबारा होने का जोखिम बढ़ जाता है। मगर यह बात हर किसी पर लागू नहीं होती है। समय पर सही इलाज अवसाद से उबरने के लिए आवश्यक है और इससे भविष्य के प्रकरणों की रोकथाम में मदद मिलती है।
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