हेल्पलाइन
#आप अकेले नहीं हैं
चिंता से निपटने के ये कुछ उपाय हैं:
अगर आपको लग रहा है कि आप चिंताग्रस्त हैं तो आप अपने किसी दोस्त या परिवार के सदस्य से इस बारे में बात कर सकते हैं।
इसमें पौष्टिक आहार लेना, व्यायाम करना, ध्यान लगाना, व्यवस्थित करना एवं सोने और जागने के समय में नियमितता लाना शामिल हैं।
स्थायी रूटीन या दिनचर्या का पालन करना चिंता को नियंत्रित करने का एक उपयोगी तरीका हो सकता है।
सपोर्ट ग्रुप में अनुभवों और निपटने के तरीकों को साझा करने का मौका मिलता है।
मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ इलाज के विविध तरीकों से आपकी मदद कर सकते हैं, जिसमें एकल या सामूहिक थेरेपी एवं दवाइयाँ शामिल हो सकती हैं।
चिंता से निपटने में आप किसी की मदद इन तरीकों से कर सकते हैं।
बीमारी के बारे में जानकारी प्राप्त करने से आपको लक्षणों की पहचान करने में मदद मिलेगी और आप यह बेहतर तरीके से समझ पाएंगे कि अगला किन हालातों से गुज़र रहा है।
अक्सर चिंता विकार से जूझ रहा व्यक्ति यह चाहता है कि कोई उसकी बात बिना भेदभाव के सुने। जब वह अपनी बात बताए तब धैर्यपूर्वक तरीके से एवं पूरी लगन के साथ उसकी बात सुने।
आपको उनकी परवाह है यह जताने के लिए उन्हें बताएँ कि आप उनके साथ हैं और उन्हें याद दिलाएँ कि इस बीमारी से उबरना संभव है।
व्यायाम, ध्यान, किताबें पढ़ना, गाने सुनना या आर्ट / चित्रकला चिंता से जूझ रहे व्यक्ति को अपनी समस्या से बेहतर तरीके से निपटने में मदद करता है।
बीच-बीच में उनका हालचाल लेते रहें और एक साथ समय बिताने का अवसर मिले तो उसका लाभ उठाएँ।
अगर आपको लग रहा है कि वे अपनी समस्या से सही ढंग से नहीं निपट पा रहे हैं तो मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर से मदद लेने पर ज़ोर दें। यह भी बताएँ कि आप उनके साथ चल सकते हैं।
चिंता के उभरकर सामने आने के पीछे आनुवंशिक एवं मनोवैज्ञानिक मुद्दे, पुराने मानसिक आघात, और/ या मौजूदा हालात जैसे कई कारक शामिल हैं।
बहुत ज़्यादा डर या व्यग्रता, किसी खतरे का अंदेशा, बेचैनी, घबराहट या लंबे अरसे तक चलने वाली उत्तेजना की भावना चिंता के कुछ लक्षण हैं। चिंता विकार से ग्रसित लोगों को नींद से जुड़ी समस्याएँ, सांस फूलना/ तेज़ी से सांस लेना, दिल की धड़कन तेज़ हो जाना, मतली/ चक्कर आना, पसीना छूटना, सिर या पेट दर्द और एकाग्रता से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें।
चिंता विकार का इलाज दवाइयों, काउंसेलिंग, या कभी-कभी दोनों के संयुक्त उपयोग के माध्यम से किया जा सकता है। इस बीमारी की चिकित्सा के लिए अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ती है मगर इसका निदान जिन लोगों में किया जाता है उन्हें साइकोथेरेपी एवं/ या दवाइयों की जरूरत तब तक पड़ सकती है जब तक कि उनकी स्थिति में सुधार ना हो।
चिंता विकार की उचित चिकित्सा और सहारा एक थेरेपिस्ट या साइकियाट्रिस्ट मुहैया करा सकते हैं। सत्यापित थेरेपिस्ट या साइकियाट्रिस्ट की सूची के लिए यहाँ क्लिक करें।
तनाव और चिंता के शारीरिक उपसर्ग एक जैसे लग सकते हैं, मगर ये समानार्थक शब्द नहीं हैं। तनाव का एहसास व्यक्ति की किसी स्थिति या हालात के परिप्रेक्ष्य में होता है। चिंता अधिकतर एक गंभीर स्थिति है और तनाव की स्थिति में व्यक्ति की प्रतिक्रिया इसका कारक होता है। इसके अलावा, तनाव एक अल्पकालिक समस्या हो सकती है, जबकि चिंता लंबे समय तक चल सकती है।
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