चिंता

चिंता डर, व्यग्रता या घबराहट की वह भावना है जो व्यक्ति तब महसूस करता है जब वह कोई  चुनौतीपूर्ण काम करने वाला होता है। हर व्यक्ति विभिन्न परिस्थितियों में चिंता का अनुभव करता है और यह स्वाभाविक अनुभूति है। मगर चिंता एक चिकित्सकीय समस्या तब बन जाती है जब यह लंबे समय तक चलती है और साधारण कार्यों को करने के व्यक्ति के स्वाभाविक तरीकों को प्रभावित करने लगती है। यह आपकी नींद, आपके काम करने की क्षमता और आपके रिश्तों पर भी हावी हो सकती है।

चिंता के संकेत और लक्षण

आप जो महसूस कर रहे होंगे
  • बहुत ज़्यादा डर या व्यग्रता
  • आनेवाले खतरे की आशंका
  • बेचैनी
  • घबराहट या तनाव
  • उत्तेजित
  • सामाजिक मेल-मिलाप को लेकर भयभीत
  • लोगों से कटा हुआ
आप जो अनुभव कर रहे होंगे
  • नींद से जुड़ी समस्याएँ
  • सांस फूलना / तेज़ी से सांस लेना
  • दिल की धड़कन तेज़ हो जाना
  • मतली/ चक्कर आना
  • पसीना छूटना
  • सिर या पेट में दर्द
  • एकाग्रता से जुड़ी समस्या
आप जो सोच रहे होंगे
  • सब कुछ गलत होने वाला है
  • मैं अपने एहसास को नियंत्रित नहीं कर प रहा हूं 
  • मैं किसी भी काम में ध्यान नहीं दे पा रहा हूं
  • सब मुझे ही देख रहे हैं

कुछ सवाल जो आप खुद से पूछ सकते हैं

  • क्या खुद को चिंता करने से रोकने में मुझे दिक्कत होती है? 
  • क्या पिछले तीन महीनों में अधिकतर समय मैंने चिंता की है?
  • क्या मुझे छाती में जकड़न, सांस लेने में दिक्कत, दिल का जोर से धड़कना  या सिर चकराने जैसे अनुभव होते हैं?
  • क्या मैं सामाजिक परिस्थितियों में बहुत ज़्यादा घबरा या शर्मा जाता हूं?
  • क्या मैं ऐसी गतिविधियों से बचने की कोशिश करता हूं जिनसे मुझे अधिक चिंता होगी?
  • क्या मैं अप्रिय बातों के बारे में बार-बार सोचता रहता हूं?
  • क्या कार्यों पर ध्यान लगाए रखने में मुझे दिक्कत होती है?
  • क्या मुझे नींद आने में दिक्कत होती है या क्या मेरी नींद बार-बार खुल जाती है?


अगर इन सवालों का जवाब अपने अधिकतर “हाँ” में दिया है तो आपको पेशेवर मदद की जरूरत हो सकती है। याद रखें कि चिंता विकारों को संभाला जा सकता है और इनका इलाज भी संभव है।

आप अपनी मदद कैसे कर सकते हैं?

चिंता से निपटने के ये कुछ उपाय हैं:

किसी से बात करना

अगर आपको लग रहा है कि आप चिंताग्रस्त हैं तो आप अपने किसी दोस्त या परिवार के सदस्य से इस बारे में बात कर सकते हैं।

जीवनशैली में बदलाव लाना

इसमें पौष्टिक आहार लेना, व्यायाम करना, ध्यान लगाना, व्यवस्थित करना एवं सोने और जागने के समय में नियमितता लाना शामिल हैं।

रूटीन / दिनचर्या का पालन करना

स्थायी रूटीन या दिनचर्या का पालन करना चिंता को नियंत्रित करने का एक उपयोगी तरीका हो सकता है।

सपोर्ट ग्रुप में शामिल होना

सपोर्ट ग्रुप में अनुभवों और निपटने के तरीकों को साझा करने का मौका मिलता है।

पेशेवर की मदद लेना

मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ इलाज के विविध तरीकों से आपकी मदद कर सकते हैं, जिसमें एकल या सामूहिक थेरेपी एवं दवाइयाँ शामिल हो सकती हैं।

आप किसी और की मदद कैसे कर सकते हैं?

चिंता से निपटने में आप किसी की मदद इन तरीकों से कर सकते हैं।

लक्षणों को पहचाने

बीमारी के बारे में जानकारी प्राप्त करने से आपको लक्षणों की पहचान करने में मदद मिलेगी और आप यह बेहतर तरीके से समझ पाएंगे कि अगला किन हालातों से गुज़र रहा है।

सुनें

अक्सर चिंता विकार से जूझ रहा व्यक्ति यह चाहता है कि कोई उसकी बात बिना भेदभाव के सुने। जब वह अपनी बात बताए तब धैर्यपूर्वक तरीके से एवं पूरी लगन के साथ उसकी बात सुने।

सहायक बनें

आपको उनकी परवाह है यह जताने के लिए उन्हें बताएँ कि आप उनके साथ हैं और उन्हें याद दिलाएँ कि इस बीमारी से उबरना संभव है।

उन्हें अपनी देखभाल करने के लिए प्रोत्साहित करें

व्यायाम, ध्यान, किताबें पढ़ना, गाने सुनना या आर्ट / चित्रकला चिंता से जूझ रहे व्यक्ति को अपनी समस्या से बेहतर तरीके से निपटने में मदद करता है।

जुड़े रहें

बीच-बीच में उनका हालचाल लेते रहें और एक साथ समय बिताने का अवसर मिले तो उसका लाभ उठाएँ।

उन्हें मदद मांगने के लिए प्रोत्साहित करें

अगर आपको लग रहा है कि वे अपनी समस्या से सही ढंग से नहीं निपट पा रहे हैं तो मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर से मदद लेने पर ज़ोर दें। यह भी बताएँ कि आप उनके साथ चल सकते हैं।

ज़्यादातर पूछे जाने वाले सवाल

उन स्थितियों के बारे में अधिक जानें जो चिंता के साथ सह सकती हैं और हो सकती हैं।

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